GST Rate: नए साल में 25 फीसदी तक महंगे हो जाएंगे कई गारमेंट्स, इन चीजों के लिए देने होंगे ज्यादा पैसे
GST Rate: 1 जनवरी, 2022 से आम लोगों द्वारा सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले होजरी आइटम की कीमत बढ़ने वाली है. इनरवियर, मोजे, सूती साड़ी, कॉटन के शर्ट-पैंट, स्वेटर समेत तमाम कपड़ों के रेट बढ़ने वाले हैं. वहीं कंपनियां ग्राहकों को कोई राहत देने के मूड में नहीं दिखतीं
GST Rate: 2022 में कई गारमेंट्स 25 फीसदी तक महंगे हो जाएंगे. (फोटो: जी हिन्दुस्तान)
GST Rate: 2022 में कई गारमेंट्स 25 फीसदी तक महंगे हो जाएंगे. (फोटो: जी हिन्दुस्तान)
GST Rate: एक जनवरी यानी नए साल से धोती-कुर्ता, स्वेटर और इनरवियर के लिए आपको ज्यादा पैसे देने होंगे. दरअसल GST के दर में 7 फीसदी बढ़ोतरी से इनकी कीमत बढ़ने वाली है. वहीं इनपुट कॉस्ट बढ़ने से भी गारमेंट्स के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे.
वहीं गारमेंट इंडस्ट्री ने भी साफ कर दिया है कि इस पूरी बढ़ोतरी का बोझ कस्टमर्स पर डालना उनकी मजबूरी होगी. वहीं सरकार की दलील है कि इस इंडस्ट्री में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में सुधार के लिए ये कदम जरूरी था.
नया साल, महंगाई से आगाज!
1 जनवरी, 2022 से आम लोगों द्वारा सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले होजरी आइटम की कीमत बढ़ने वाली है. इनरवियर, मोजे, सूती साड़ी, कॉटन के शर्ट-पैंट, स्वेटर समेत तमाम कपड़ों के रेट बढ़ने वाले हैं. ये वो कपड़े हैं जो 1000 रुपये से कम कीमत के हैं. इनकी कीमतों में 25 फीसदी तक बढ़ोतरी होने वाली है और वजह है इनपर लगने वाली GST. जीएसटी की दर 5 फीसदी से बढ़कर 12 फीसदी होने वाली है. वहीं कंपनियां ग्राहकों को कोई राहत देने के मूड में नहीं दिखतीं.
5 से बढ़कर 12 फीसदी हुई GST
सरकार ने टेक्सटाइल इंडस्ट्री में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में सुधार का एलान किया है. इसके तहत 1000 रुपये तक के गारमेंट्स पर 1 जनवरी 2022 जीएसटी की दर 5 से बढ़कर 12 फीसदी हो जाएगी. वहीं गारमेंट इंडस्ट्री के मुताबिक 80 से 85 फीसदी गारमेंट प्रोडेक्ट्स की 1000 रुपये से कम में बिक्री होती है. जाहिर है इससे टेक्सटाइल इडंस्ट्री के साथ आम लोग भी प्रभावित होंगे. रेट बढ़ने से बड़ी संख्या में लोग जीएसटी कंप्लायंस से बाहर होने की भी कोशिश करेंगे.
TRENDING NOW
टेक्सटाइल इंडस्ट्री को राहत की उम्मीद
कोविड की लंबी मार झेल चुकी यह इंडस्ट्री अभी GST बढ़ोतरी के लिए सही समय नहीं मान रही. क्योंकि पहले से खरीदे हुए स्टॉक की प्राइसिंग में बदलाव करना चुनौतीपूर्ण रहेगा. पिछले कुछ समय में गारमेंट्स में लागत में बढ़ोतरी हुई है. फुटवियर और टेक्सटाइल इडंस्ट्री से छोटे-छोटे लोग जुड़े हैं. इससे उनपर भी असर पड़ेगा.
जनकारों का कहना है कि अगर सभी गारमेंट्स पर GST 5 फीसदी कर दिया जाए तो सरकार को ज्यादा रेवेन्यू मिलेगा. साल खत्म होने में अभी कुछ ही दिन बचे हैं ऐसे में टेक्सटाइल इंडस्ट्री को उम्मीद है कि दिक्कतों को देखते हुए सरकार आखिरी वक्त पर उन्हें कुछ राहत जरूर देगी.
Zee Business Hindi Live यहां देखें
03:51 PM IST